Diwali 2024 Date : शास्त्र के अनुसार, दीवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है । इस वर्ष 2024 को 31 अक्टूबर दिन गुरूवार को अमावस्था तिथि दिन में 2 बजकर 40 मिनट से लग रही है। इस कारण से दीवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। दीवाली के त्योहार पर रात्रि में अमावस्या तिथि होनी चाहिए जो कि 1 नवंबर 2024 को शाम के समय नहीं है. ऐसे में दीवाली का त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
1. दीपावली पूजा का महत्त्व
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा करने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्त्व है। यह पर्व सुख-समृद्धि, धन-दौलत और सौभाग्य की प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माँ लक्ष्मी प्रसन्न होकर भक्तों के घरों में वास करती हैं और उनके जीवन को धन और खुशियों से भर देती हैं।
2. पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है, जैसे:
- लक्ष्मी गणेश की मूर्ति
- कमल का फूल
- सफेद वस्त्र
- चंदन, रोली, हल्दी, सिंदूर
- दीपक, कपूर, धूप
- पंचमेवा, मिठाई, फल
- चांदी का सिक्का या मुद्रा
- चावल, दूर्वा, बेलपत्र
- जल से भरा हुआ कलश
3. पूजा स्थल की शुद्धि
पूजा शुरू करने से पहले पूजा स्थल और घर को स्वच्छ करना अनिवार्य है। इसे धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ माना जाता है। स्नान के बाद एक पवित्र स्थान चुनें और वहाँ माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल छिड़ककर उस स्थान को शुद्ध करें।
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4. माँ लक्ष्मी की स्थापना
पूजा स्थान पर माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर को रखें। माँ लक्ष्मी को सफ़ेद या गुलाबी वस्त्र पहनाएं और भगवान गणेश को पीले वस्त्र। मूर्तियों के पास जल से भरा हुआ कलश रखें, और उसके ऊपर एक नारियल रखें।
5. दीपक और धूप प्रज्वलन
पूजा के दौरान दीपक और धूप जलाना अनिवार्य है। सबसे पहले दीपक प्रज्वलित करें और इसे माँ लक्ष्मी की मूर्ति के पास रखें। इसके बाद धूप जलाकर पूरे घर में घुमाएं ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह हो सके।
6. कलश की पूजा
कलश की पूजा को भी लक्ष्मी पूजा का अहम हिस्सा माना जाता है। कलश में जल, सुपारी, हल्दी, दूर्वा डालकर नारियल रखें। इसे माँ लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद कलश की पूजा करें और चावल, फूल और रोली चढ़ाएं।
7. माँ लक्ष्मी की आरती
माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद आरती करना विशेष महत्त्व रखता है। माँ लक्ष्मी की आरती में “ॐ जय लक्ष्मी माता” गाना चाहिए और घी के दीपक से आरती करें। आरती करते समय घर के सभी सदस्यों को उपस्थित रहना चाहिए। यह आरती समृद्धि और खुशियों का प्रतीक मानी जाती है।
8. Diwali 2024 में करें इन लक्ष्मी मंत्रों का जाप
पूजा के दौरान लक्ष्मी मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कुछ प्रमुख मंत्र इस प्रकार हैं:
महालक्ष्मी मंत्र: ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
लक्ष्मी स्तोत्र: ॐ ह्लीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः
सुख-समृद्धि का मंत्र: ॐ लक्ष्म्यै नमः
धन-वैभव का मंत्र: ॐ श्रीं लक्ष्मीपतये नमः
9. पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा
माँ लक्ष्मी की पूजा पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से की जाती है। पंचोपचार विधि में पाँच मुख्य सामग्रियों से पूजा की जाती है: चंदन, फूल, धूप, दीपक और नैवेद्य (मिठाई)।
षोडशोपचार विधि में इन पाँचों के अलावा 16 सामग्रियों का प्रयोग होता है, जैसे जल, वस्त्र, आभूषण, इत्र आदि। इस विधि से पूजा करने पर माँ लक्ष्मी अत्यधिक प्रसन्न होती हैं।
10. प्रसाद वितरण और विसर्जन
पूजा समाप्त होने के बाद देवी लक्ष्मी को भोग अर्पित करें, जिसमें मिठाई, पंचमेवा, फल आदि शामिल होते हैं। इसके बाद घर के सभी सदस्यों में प्रसाद वितरित करें। अंत में, माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन करें या उन्हें किसी पवित्र स्थान पर रखें।
दीपावली की पूजा विधि और मंत्रों का सही उपयोग करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और घर में समृद्धि, धन-धान्य और खुशहाली का वास होता है।
11.इस Diwali 2024 में करें घर के मुख्य द्वार की पूजा
माँ लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के मुख्य द्वार की पूजा का विशेष महत्त्व होता है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाना और रंगोली बनाना शुभ माना जाता है। माना जाता है कि देवी लक्ष्मी घर के मुख्य द्वार से प्रवेश करती हैं, इसलिए इसे साफ-सुथरा और सुंदर बनाना आवश्यक है। दरवाजे के दोनों ओर शुभ संकेतों, जैसे स्वस्तिक या ॐ, का चिह्न बनाएं और फूलों की माला से सजाएं।
12. लक्ष्मी पूजन के समय की महत्ता
माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखा जाता है। दीपावली की पूजा मुख्य रूप से प्रदोष काल (संध्या का समय) में की जाती है। इस समय पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय दिन और रात के बीच का होता है और देवी लक्ष्मी का आगमन इसी समय होता है। सही समय पर पूजा करने से लक्ष्मी का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त होता है।
13. व्यापार स्थल पर लक्ष्मी पूजन
दीपावली के अवसर पर व्यापार स्थल पर भी लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्त्व है। व्यापार करने वाले लोग इस दिन अपने कार्यालय, दुकान या कार्यस्थल पर माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यह पूजा व्यापार में वृद्धि और आर्थिक उन्नति के लिए की जाती है। इसके साथ ही व्यवसायिक खाते, तिजोरी और अन्य व्यापारिक दस्तावेजों की भी पूजा की जाती है, ताकि व्यापार में शुभता और समृद्धि बनी रहे।
14. लक्ष्मी पूजन के नियम
माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है:
- पूजा करते समय साफ और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- घर के सभी सदस्य एक साथ पूजा में शामिल हों।
- पूजा स्थल पर किसी भी प्रकार का शोर या व्यवधान न हो।
- मन को शांत और एकाग्र रखकर ही मंत्रों का उच्चारण करें।
- पूजा के दौरान क्रोध या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
15. धनतेरस से भाई दूज तक का महत्त्व
दीपावली का पर्व केवल एक दिन तक सीमित नहीं होता, बल्कि पाँच दिन तक चलता है। इन पाँच दिनों में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज प्रमुख हैं। हर दिन का अपना अलग महत्त्व होता है। लक्ष्मी पूजन का मुख्य दिन दीपावली का होता है, लेकिन पूरे पाँच दिनों तक पूजा और अन्य धार्मिक क्रियाकलाप चलते रहते हैं।
16. दीपावली पर खास मंत्र
कुछ और महत्वपूर्ण मंत्र हैं जो दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के दौरान जपे जा सकते हैं:
- ॐ लक्ष्मी करारिस्तु, हरिरिष्टु हृदयस्थितः।
इस मंत्र से माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। - ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।
यह गायत्री मंत्र माँ लक्ष्मी की आराधना के लिए अत्यधिक शुभ है।
17. दान और सेवा का महत्त्व
दीपावली के दिन केवल पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि दान और सेवा का भी विशेष महत्त्व है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को धन, वस्त्र, भोजन या अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना पुण्यकारी माना जाता है। इससे माँ लक्ष्मी की कृपा और अधिक प्राप्त होती है और जीवन में संतुलन और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
18. पूजा के बाद ध्यान
लक्ष्मी पूजन के बाद ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। ध्यान से मानसिक शांति मिलती है और माँ लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। पूजा के बाद कुछ देर ध्यान करने से जीवन में स्थिरता और संतुलन बना रहता है।
19. व्रत और उपवास
कुछ लोग दीपावली के दिन व्रत या उपवास भी रखते हैं। इस व्रत का उद्देश्य मन और शरीर की शुद्धि करना होता है। लक्ष्मी पूजन से पहले व्रत या उपवास करने से मन शांत और केंद्रित रहता है, जिससे पूजा अधिक प्रभावशाली होती है। व्रत के बाद परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं, जिससे आपसी प्रेम और सहयोग बढ़ता है।
20. पूजा के बाद का वातावरण
माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद घर के वातावरण को सकारात्मक बनाए रखने का प्रयास करें। पूजा के बाद पूरा घर साफ-सुथरा और शांत रखें। रात को घर के हर कोने में दीपक जलाएं, ताकि माँ लक्ष्मी पूरे घर में वास कर सकें। इस रात को जुआ या अन्य नकारात्मक कार्यों से बचना चाहिए, क्योंकि इससे माँ लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं।
इस प्रकार, दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा विधि और मंत्रों का समर्पण से पालन करने से घर में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होता है। पूजा के दौरान सही सामग्री, मंत्र और विधियों का प्रयोग करके आप माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा के बाद घर में सकारात्मकता और समृद्धि का वास होता है, लेकिन यह आवश्यक है कि पूजा के बाद भी कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि माँ लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहे। पूजा के बाद भी घर में एक विशेष वातावरण बनाए रखना और धार्मिक नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।
21. लक्ष्मी पूजन के बाद क्या करें?
लक्ष्मी पूजन के बाद कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- घर के मुख्य द्वार पर दीप जलाकर रखें, ताकि माँ लक्ष्मी का स्वागत हो सके।
- पूजा के बाद किसी भी प्रकार का शोर-शराबा न करें। शांत और सुखद वातावरण बनाए रखें।
- लक्ष्मी माता को प्रसाद अर्पित करने के बाद सभी परिवारजन मिलकर प्रसाद ग्रहण करें।
- घर के सभी दीपकों को रात भर जलाए रखें, ताकि अंधकार दूर हो और माँ लक्ष्मी घर में ठहर सकें।
22. धन और समृद्धि बनाए रखने के उपाय
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा करने के बाद घर में धन और समृद्धि बनाए रखने के लिए कुछ खास उपाय भी किए जा सकते हैं:
- घर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, खासकर पूजा स्थल और तिजोरी को साफ रखें।
- घर के दक्षिण-पूर्व कोने को हमेशा रोशन रखें, इसे वास्तु शास्त्र में धन का कोना माना जाता है।
- चांदी के सिक्के या सोने की वस्तुएं पूजा के बाद तिजोरी में रखें, यह समृद्धि के प्रतीक माने जाते हैं।
- नियमित रूप से माँ लक्ष्मी की पूजा करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
23. माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के विशेष उपाय
माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दीपावली के अलावा पूरे वर्ष कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं:
- प्रत्येक शुक्रवार को लक्ष्मी जी की पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं।
- नियमित रूप से “श्री सूक्त” का पाठ करें, यह माँ लक्ष्मी की कृपा पाने का अत्यंत प्रभावी स्तोत्र है।
- घर में शंख और घंटी बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
- प्रतिदिन सुबह घर में दीपक जलाएं और शाम को घर के मुख्य द्वार पर दीपक अवश्य जलाएं।
24. व्यापारी वर्ग के लिए विशेष पूजन विधि
दीपावली व्यापारी वर्ग के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दिन व्यापारी अपने नए बही-खाते (खाता-बही) की शुरुआत करते हैं। इसे शुभ लाभ की शुरुआत के रूप में देखा जाता है:
- खाता-बही को माँ लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति के सामने रखें।
- सफेद वस्त्र या कपड़ा बिछाकर बही-खाते पर हल्दी, कुमकुम और चावल का तिलक करें।
- लक्ष्मी मंत्रों का उच्चारण करते हुए गणेश और लक्ष्मी जी से व्यापार में उन्नति और लाभ की प्रार्थना करें।
- अंत में खाता-बही को पूजा स्थल पर रातभर के लिए रखें और अगले दिन उसका उपयोग शुरू करें।
25. घर की महिलाओं का विशेष सम्मान
माँ लक्ष्मी का वास घर की महिलाओं में माना जाता है, इसलिए दीपावली पर विशेष रूप से घर की महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। उनकी पूजा और सेवा करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी समृद्धि का वास होता है। इस दिन महिलाओं को वस्त्र, आभूषण या अन्य उपहार देकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करना शुभ होता है।
26. परिवार और सामूहिक पूजा
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा अकेले नहीं, बल्कि परिवार के सभी सदस्यों के साथ करनी चाहिए। सामूहिक रूप से पूजा करने से घर में एकता और प्रेम बढ़ता है। इसके अलावा, परिवार के सभी लोग मिलकर माँ लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करते हैं, जिससे उनकी कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है। सामूहिक पूजा से न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक रूप से भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।
27. दीपावली के बाद घर की देखभाल
दीपावली की पूजा के बाद कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- पूजा के बाद घर के सभी दीपक सुबह तक जलने दें।
- अगले दिन सुबह घर के पूजा स्थल और मुख्य द्वार की सफाई करें।
- पूजा स्थल पर चढ़ाए गए फूलों और सामग्री को नदी या पवित्र जल में विसर्जित करें।
- माँ लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर को साफ करके पुनः सम्मानपूर्वक स्थापित करें।
28. दीपावली के बाद की पूजा और उत्सव
दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा और भाई दूज का पर्व भी मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा में भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। ये दोनों पर्व भी दीपावली की तरह ही महत्वपूर्ण हैं और घर-परिवार की खुशहाली से जुड़े होते हैं।
29. मानसिक शांति और समृद्धि के लिए ध्यान
दीपावली की पूजा के बाद ध्यान करना अत्यंत लाभकारी होता है। ध्यान से मानसिक शांति मिलती है और माँ लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ध्यान से मन की स्थिरता और संतुलन बना रहता है और घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।
30. लक्ष्मी पूजन के लाभ
दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं:
- आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- व्यापार में उन्नति और लाभ की प्राप्ति होती है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।
- नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
इस प्रकार, दीपावली पर माँ लक्ष्मी की पूजा सही विधि से करने पर जीवन में हर प्रकार की समृद्धि, शांति और खुशहाली प्राप्त होती है। पूजा में मंत्रों का सही उच्चारण, श्रद्धा और समर्पण से माँ लक्ष्मी की कृपा पाई जा सकती है।